हरदोई(उप्र)। बिजली विभाग में टेंडर प्रक्रिया में हुई अनियमितता की जांच फाइलों में खो गई है।विभाग में टेंडर प्रक्रिया में मनमानी जारी है। इससे विभाग को जहां राजस्व का नुकसान हो रहा है। तो वहीं, कार्य की गुणवत्ता भी प्रभावित हो रही है।
शहर के बाबा मंदिर निवासी दिव्यांश मिश्रा ओर से यूपीपीसीएल के चेयरमैन को शिकायती पत्र दिया गया था। इसमें आरोप लगाया गया था कि सर्किल कार्यालय में पटल सहायक टेंडर प्रक्रिया में गोलमाल कर रहा है। उन्होंने अनुभवहीन संस्था को प्रपत्रों के आधार पर ही टेंडर दे दिए। वहीं एक फर्म पार्टनरशिप की है, जिसके एक पार्टनर को दूसरे की स्वीकृत बगैर कार्य दे दिया गया।
बिजली विभाग में निविदा पटल विनीत खरे देख रहे हैं । शिविर सहायक द्वारा निविदाओं में की रही जा गड़बड़ी एवं मनमानी की शिकायत की जब जाँच शुरू हुई तो विनीत खरे एवं जांच करने जाने वाले पहल सहायक योगेश कुमार की मिलीभगत से बिना जाँच किये ही आरोपी कर्मचारियों के पक्ष में फर्जी जांच आख्या लगाकर फाईल को दबा दी गई। पटल सहायक पर आरोप है कि वह तीन वर्ष से अधिक समय से एक ही कार्यालय में एक ही पटल देख रहे हैं, शिकायत पर चेयरमैन यूपीपीसीएल की ओर से जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए गए थे। मगर, आज तक विभागीय जांच पूरी नहीं हो सकी है। इससे विभाग में टेंडर प्रक्रिया में फर्जीवाड़ा कर भ्रष्ट अधिकारी व कर्मचारी अपनी जेबें भर रहे हैं और सरकार को जमकर चूना लगा रहे हैं।